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Special post
मेरा बचपन
बचपन- छुटपन की यादों में खोये छुटपन की यादो में जब मस्त मगन हम होते थे वो दिन भी कितने अच्छे थे जब हम अनजाने बच्चे थे । ...
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कविता -: सिया उठो और धनु सम्भालो नारी सशक्तिकरण _________________________________ सिया उठो तुम धनु सम्भालो, अब तो अपनी राम तुम्ही...
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नारी है या लाचारी नारी का होना नारी जैसे सबसे बड़ी लाचारी है । मानवता तो ख़त्म हो रही दानवता सब पर भारी है । सर्वप्रथम तुम कोख में ...
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एक खुला ख़त तमाम शोहदों के नाम नमस्कार , समझ नहीं आता की कैसे और कहाँ से शुरू करूँ , आखिरकार आप लोगों की करस्तानियाँ ही...
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