Thursday 25 August 2016

इश्क़ में धोखे .......

                इश्क़ में धोखे .....



इश्क़ के आग से जले तो पता चला
की लोग मीठे तो होते पर झूठे भी ।।


जब खून के बदले खून 
और रिश्ते के बदले रिश्ते बनाये जाते है 
तब क्यों इस दुनिया में 
प्यार के बदले धोखे खाये जाते है ।



 मैंने जो तुझसे प्यार किया 
लगा की खंजर दिल के पार किया 
इस दिल को मिले चोट इतने 
तुमने क्यों इसे तार तार किया


कोई दस्तूर सा जैसे 
निकला हो बेवफा बन जाने को
जो भी मिला यारो 
बैठा गलतियाँ गिनाने को 
मेरी छोटी सी गलती 
उनके आँख की किरकिरी बन गई 
उन्हें क्या पता की ना जाने कब वो
मेरी ख़ुशी , मेरी जिंदगी बन गई


आपका दोस्त - सुमित सोनी

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