शख्श जिंदगी में
जिसने औरो की फिक्र में
जिंदगी गुजार दी ।।
गरीब रह गया वो
शख्श जिंदगी में
जिसने औरो की जरुरत पर
अपनी उधार दी ।।
वो तो मिटता रहा
लोगो की खुशियों पर
लोगो ने मिल कर
उसकी दुनिया उजाड़ दी ।।
वो तो लगाता रहा
उम्र भर चाहत के फूल
लोगो ने मिलकर
उसकी बगिया ही उजाड़ दी ।।
फैलता रहा वो हरदम
प्रकाश सबके जीवन में
सबने मिलकर उसकी जिंदगी
घुप्प अंधेरो में पाट दी ।।
आपका मित्र - सुमित सोनी
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